परिचय

ग्रीन स्टील प्रोत्साहन योजना : भारत में स्टील उद्योग से हो रहे कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ग्रीन स्टील प्रोत्साहन योजना को शुरू किया हैं। इस योजना के तहत स्टील क्षेत्र में की जाने वाली नई उपयोजनाओं के लिए सरकार ने 15,000 करोड़ रुपए जारी किए हैं। भारत दूसरा ऐसा देश हैं जहां बड़े पैमाने में कच्चे इस्पात(स्टील)का उत्पादन किया जा रहा हैं। प्रदूषण के कारण बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं का समाधान करना अब जरूरी हो गया हैं। इसलिए कई सालों से भारत में ग्रीन स्टील को प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 8% का भागीदार स्टील उद्योग को शुद्ध और शून्य उत्सर्जन के साथ प्रतिस्पर्धी उद्योग बनाना हैं। अपने ही देश में पर्यावरण अनुकूल स्टील का उद्योग बढ़ाने पर स्टील आयत की निर्भरता भी कम की जा सकती हैं। 


अब यह ग्रीन स्टील क्या है और इस योजना के तहत स्टील उद्योगों में क्या परिवर्तन किए जाएंगे इसके बारें इस पोस्ट में हम बात करेंगे। 

Green Steel Protsahan Yojana Overview

विशेषता

विवरण

योजना का नाम


ग्रीन स्टील प्रोत्साहन योजना

योजना का नाम (English)

Green Steel Protsahan Yojana 2025

योजना की शुरुवात

साल 2025-26

विभाग


इस्पात मंत्रालय भारत सरकार 

उद्देश्य




स्टील क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन को कम करना और ग्रीन स्टील उत्पादन को प्रोत्साहन देना।

मुख्य लाभ



पर्यावरण संरक्षण, रोजगार और स्टील क्षेत्र का विकास करना 

अधिकारिक वेबसाइट

https://steel.gov.in/

संपर्क जानकारी

011-23063170

ग्रीन स्टील प्रोत्साहन योजना क्या है?

भारत में स्टील उद्योग को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए कई सालों से प्रयास शुरू हैं। इन प्रयासों में ग्रीन स्टील प्रोत्साहन योजना का भी समावेश हैं। इस योजना के बारें जानने से पहले ग्रीन स्टील क्या हैं यह जान लेते हैं। स्टील का उत्पादन करने के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग ना करके पर्यावरण अनुकूल नई तकनीकियों का इस्तेमाल कर बनाए गए गुणवत्ता वाले स्टील को ग्रीन स्टील कह सकते हैं। इस ग्रीन स्टील के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन स्टील योजना भारत के इस्पात मंत्रालय की और से चलाई जा रही हैं। 


ग्रीन स्टील प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य स्टील उद्योग में हो रहे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को पूरी तरह से कम करना हैं। स्टील उद्योग कार्बन उत्सर्जन का सब बड़ा कारण बन रहा हैं। ऐसे में प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रीन स्टील का कॉन्सेप्ट लाने वाले भारत पहल देश बना। भारत में चलाया जा रहा राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन में स्टील उद्योग को शामिल किया गया। इसके अलावा स्टील स्क्रैप पुनर्चक्रन नीति 2019, राष्ट्रीय सौर मिशन, PAT योजना आदि योजनाओं से स्टील क्षेत्र के निविनिकरण पर काम किया जा रहा हैं। 


राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के अनुसार भारत ने 2030 तक 300 मिलियन टन का स्टील उत्पादन का टारगेट रखा हैं। साल 2023-24 के अकाड़े देखे तो भारत में 179.5 मिलियन टन का कच्चे इस्पात का उत्पादन किया गया। इतने बड़े पैमाने में स्टील का उत्पादन होने के बाद भी स्टील की मांग पूरी नहीं होने के कारण स्टील की बाहरी देशों से आयत करनी पड़ती हैं। भारत में आयत किए जाने वाले स्टील और एल्यूमिनियम पर यूरोपीय संघ के प्रस्ताव के अनुसार 25% कार्बन टैक्स देना पड़ता हैं। स्टील के आयत पर निर्भरता कम करने के लिए स्वच्छ और कम कार्बन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर स्टील का उत्पादन करने का काम इस मिशन में किया जाएगा।