परिचय
गव्य विकास योजना बिहार 2025: बिहार राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवाओं और युवतियों,किसानों और पशुपालकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए गव्य विकास योजना की साल 2023-24 में शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार उन्नत नस्ल के पशुओं के डेयरी यूनिट की स्थापना के लिए लगभग 75% का अनुदान दे रही हैं। इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों का आर्थिक और सामाजिक कल्याण करना और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाना हैं। आज हम इस पोस्ट के जरिए samagra gavya vikas yojana bihar 2024-25 के बारें में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करने वाले हैं।
इस पोस्ट में आगे Gavya Vikas Yojana Bihar Online Apply कैसे करना हैं? आवेदन की last date क्या हैं? और आवश्यक दस्तावेज आदि से जुड़ी जानकारी दी गई हैं, तो अंत तक बने रहे।
samagra gavya vikas yojana bihar Overview
गव्य विकास योजना बिहार क्या है?
गव्य विकास योजना बिहार यह बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही एक गव्य विकास योजना हैं जिसके तहत उन्नत नस्ल,दुधारू मवेशी या बाछी/ हिफर की डेयरी यूनिट स्थापन करने के लिए अनुदान दिया जा रहा हैं। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों, पशुपालकों, शिक्षित बेजरोगार युवाओं के लिए स्व रोजगार के अवसर निर्माण करके उनका विकास करने का निर्धार किया गया हैं।
गव्य विकास निदेशालय,बिहार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़े वर्ग के लोगों को उन्नत नस्ल के 2 और 4 दुधारू मवेशी,बाछी/ हिफर के डेयरी यूनिट की स्थापित करने के लिए 75% का अनुदान दिया जाएगा। अन्य वर्ग के लोगों को 50% अनुदान और 15 से 20 दुधारू मवेशी,बाछी-हिफर की डेयरी के लिए सभी वर्गों को 40% का अनुदान दिया जा रहा हैं। गव्य विकास योजना के दिशा-निर्देश के अनुसार इस योजना का लाभ सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदकों को ही दिया जाएगा।
योजना के प्रमुख उद्देश्य क्या है?
samagra gavya vikas yojana bihar 2024-25 इस योजना को बिहार राज्य के सभी जिलों में लागू किया गया हैं। इस योजना को शुरू करने के पीछे बिहार सरकार के क्या उद्देश्य रहे हैं यह जान लेते हैं।
गव्य विकास योजना बिहार के उद्देश्य
1) इस योजना को शुरू करने का सब से पहला और मुख्य उद्देश्य यही हैं की गव्य विकास के आधार पर रोजगार की निर्मिती करना।
2) गरीबी रेखा के नीचे वाले छोटे और सीमांत किसानों, शिक्षित युवा और युवतियों को स्व रोजगार के अवसर प्रदान करना।
3) राज्य के विकास में अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़े वर्ग के किसानों और छोटे उद्याजकों को भागीदार बनाना।
4) आर्थिक और सामाजिक स्तर पर कमजोर वर्ग के लोगों का सर्वांगीण विकास करना।
5) राज्य में डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देके राज्य में डेयरी उत्पादन को बढ़ाना।
6) आर्थिक सहायता के तौर पर अनुदान देके ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और पशुपालकों को डेयरी व्यवसाय के लिए प्रोत्साहन देना।
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