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डढ़वा नदी के पानी का हाल हुआ बेहाल



डढ़वा नदी के पानी का हाल हुआ बेहाल
डढ़वा नदी


देवघर शहर से गुजरते हुए अजय नदी में मिलने वाली डढ़वा नदी की स्थिति इन दिनों काफी खराब हो चुकी है। पिछले कुछ सालों में डढ़वा नदी के घटते जलस्तर ने वहां के स्थानीय लोगों तथा किसानों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। जो नदी कभी 300 फीट चौड़ी हुआ करती थी, आज वह नदी केवल एक छोटे से नाले की तरह दिखाई दे रही है।

बालू की कमी भी डढ़वा नदी की समस्याओं को तेजी से बढ़ा रहा है। लोगों का कहना है कि 20 से 30 वर्ष पहले इस नदी में इतना बालू हुआ करता था कि लोग अपने इमारतें बनाने में इन्हीं बालू का इस्तेमाल करते थे। पर वर्तमान में इस नदी की स्थिति पहले से बहुत अलग है।  

जिस नदी का पानी पहले गर्मियों में भी नहीं सूखता था, आज उसी नदी के पानी को देखने के लिए वहां के स्थानीय लोगों की आंखें तरस गई है। जिस नदी का वर्तमान में यह हाल है, तो आप सोच सकते हैं कि गर्मियों में इसका हाल कैसा हो जाएगा।

वर्तमान समय में बहुत से नदियों में भरपूर पानी देखा जा सकता है पर इस नदी के साथ ऐसा नहीं है। इससे तो यही स्पष्ट होता है कि डढ़वा नदी के पानी के कम होने का कारण ऋतु परिवर्तन तो अवश्य नहीं है। 

पर कुछ ऐसे दुखद कारण है जिनकी वजह से यहां का पानी कम होता जा रहा है। जैसे: बालू की कमी, निर्माण कार्य, कूड़ा-कचरा, नाले का पानी, चेक डैम का निर्माण


बालू की कमी

किसी भी नदी में बालू की कमी उसके पानी के बहाव को आसानी से रोक देती है। ऐसे में नदी के पानी का कम होना एक आम बात है। नदी से लगातार बालू उठाव के कारण इसकी कमी तेजी से बढ़ती जा रही है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग लगातार यह काम करते जा रहे हैं।


नदी के आसपास निर्माण कार्य 

किसी भी नदी के आसपास के जगह में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य (जिससे उस नदी पर असर पड़ सकता है) माना जाता है ऐसा करने से नदी के आस-पास की चौड़ाई कम हो जाती है जो कि, उसकी जलस्तर कम होने का मुख्य कारण बन जाता है।

पिछले कुछ सालों में डढ़वा नदी के आसपास अनेकों निर्माण कार्य हुए हैं, जिसकी वजह से नदी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है जिसका मुख्य कारण लोगों द्वारा नियम का उल्लंघन तथा प्रशासन द्वारा अनदेखी है। वक्त के रहते इस पर ध्यान ना दिया जाए तो आने वाले कल में ऐसा प्रतीत होगा कि जैसा यहां कोई नदी थी ही नहीं।


कूड़ा-कचरा फेंका जाना 

डढ़वा नदी पुल देवघर-जसीडीह के अगल-बगल में शहर का सारा कूड़ा-कचरा फेंका जा रहा है। जिसकी वजह से नदी का पानी तो गंदा होता ही है साथ-ही-साथ लोग कचरे के दुर्गंध से भी परेशान हैं। 

नदी में कचरा फेंकना ना केवल पर्यावरण को क्षति पहुंचाना है बल्कि इसके साथ साथ आने वाले कल में जल से जुड़े संकटों को भी बुलावा देना है। 


चेक डैम का निर्माण

मात्र 30 से 32 किलोमीटर की नदी के मार्ग में तिलैया चेक डैम तथा संगवा के सामने चेक डैम बना दिया गया है, ऐसा करने से नदी के पानी का बहाव कम हो गया है जिसके वजह से पानी घटता जा रहा है।


स्थानीय लोगों की बढ़ी परेशानियां

नदी में पानी की कमी के साथ-साथ स्थानीय लोगों की समस्याओं दिन-व-दिन बढ़ती जा रही है। पानी की कमी के कारण लोगों को खेती करने में काफी परेशानियां हो रही है। इसके अलावा लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

अगर वर्तमान में इस स्थिति पर नियंत्रण ना पाया जाए तो भविष्य में (इसके आसपास के क्षेत्रों तथा शहरो) जल संकट का बुरा असर पड़ सकता है।






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