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अंतरिक्ष के बारे में 25 अनसुलझे रोचक तथ्य/ Space In Hindi

अंतरिक्ष के बारे में 25 अनसुलझे रोचक तथ्य

Facts about space in Hindi / अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य. 

दोस्तों, आप सभी का hindipedia.in पे स्वागत है. आज में आपको इस आर्टिकल के जरिये अंतरिक्ष से जुड़े ऐसे रहस्य बताऊंगा जिसे जानकर आप सभी हैरान हो उठेंगे, साथ ही साथ आपको अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य और अंतरिक्ष के अनसुलझे रहस्य के बारे में जानने को मिलेगा.


Table Of Content's




अंतरिक्ष क्या है?
Space 


अंतरिक्ष क्या है?

दोस्तों समुद्र तल की सतह से 100 km/60 miles की ऊंचाई के बाद के पूरी जगह अंतरिक्ष यानि स्पेस कहलाती है. अगर हम इसे आसान शब्दों में बोले तो पृथ्वी, चाँद, तारे व अन्य ग्रहों के बीच की सभी जगह अंतरिक्ष कहलाती है.

वैसे पृथ्वी के लिए सभी चाँद, तारे व अन्य ग्रहें अंतरिक्ष का ही हिस्सा है. अंतरिक्ष में गैस व प्लाज्मा कणों की density कम होने के कारण वहां आवाजे ना के बराबर सुनाई देती है.

अंतरिक्ष में दुरी को प्रकाशवर्ष में मापा जाता है. यानि की प्रकाश एक वर्ष में जितनी दुरी तय करेगा, यह उतनी दुरी के बराबर होगा. वैज्ञानिको के अनुसार [ 1 प्रकाशवर्ष = 9.46 × 1015 m होता है.




अंतरिक्ष के अनसुलझे रहस्य
अंतरिक्ष के अनसुलझे रहस्य 


अंतरिक्ष के अनसुलझे रहस्य 

वैसे तो अंतरिक्ष के बहुत से रहस्य से हम अभी तक परिचित नही हुए है, लेकिन अंतरिक्ष के कुछ ऐसे रहस्य भी वैज्ञानिको को मिले है, जिन्हें जानकर आपके होश उड़ जायेंगे. 

एक वक़्त के लिए आप ये सोच लीजिये की आप अंतरिक्ष में है, और आपने astronaut suit नही पहन रखा है, ऐसे में वहां वैक्यूम के दबाव के कारण आपके शरीर का हर हिस्सा फट जायेगा. यही कारण है की अंतरिक्ष यात्री के लिए एक विशेष suit तैयार किया जाता है.

जैसा की हम आसमान की और देखते है और हमे आसमान नीला दिखाई पढता है, पर अंतरिक्ष में रह रहे अंतरिक्ष यात्रियों को ये काला दिखाई पड़ता है.

ठीक वैसा ही सूरज के साथ भी होता है, हमे सूरज धरती से लाल दिखाई पड़ता है, पर अंतरिक्ष में रह रहे अंतरिक्ष यात्रियों को ये काला दिखाई पड़ता है.

दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्राणी हम इंसान है. पर बहुत से लोग ये सोचते है की, पुरे ब्रह्माण्ड में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहाँ पर जीवन है. पर ऐसा बिलकुल नही है, वैज्ञानिको का यह मानना है की जिस प्रकार पृथ्वी में जीवन है ठीक उसी प्रकार बहुत से ऐसे भी ग्रह होंगे जहाँ पर हमारे जैसे या हमसे भी बुद्धिमान प्राणी मौजूद होंगे.

वैज्ञानिको के इस बात से तो स्पष्ट है की हम इस ब्रह्माण्ड में इकलोते ऐसे प्राणी नही है जो इतने शक्तिशाली व बुद्धिमान है, पर इस बात की पुष्टि वैज्ञानिको ने बस अनुमान के तहत किया है.

वैज्ञानिको के पास इससे जुड़े कोई भी पुख्ता सबूत अभी तक हाथ नही लगे है. ऐसे अभी भी बहुत से रहस्य है जो की सुलझ नही सके है. दुनिया भर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष के अनसुलझे रहस्य को सुलझाने में जुटे है. 



अंतरिक्ष यात्री का जीवन
अंतरिक्ष यात्री का जीवन


अंतरिक्ष यात्री का जीवन

अंतरिक्ष में जीवन की एकमात्र उम्मीद समुद्र तल से 408 km ऊपर स्थित  international space station है. यह space station धरती की परिक्रमा करने वाली उपग्रह के साथ साथ एक  प्रयोगशाला भी है. यह प्रयोगशाला भारत, अमेरिका और रूस समेत कुल 16 देशो ने मिलकर बनाया है.

इस प्रयोगशाला में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए कुल 7 बेडरूम, 2 बाथरूम, 1 जिम, 2 किचन और 44 कंप्यूटर है. एक समय में आमतौर पर वहां 6 अंतरिक्ष यात्री रहते है. और आजतक  " सुनिता विलियम्स " समेत 277 अंतरिक्ष यात्री रह चुके है.

प्रयोगशाला के हिसाब से वहां पर समय-समय में 6 से 7 लोगो की नई टीम को भेजा जाता है, तथा पुरानी टीम को वापस बुला लिया जाता है. 

पृथ्वी पर लोगो के लिए 24 घंटे का एक दिन होता है, जबकि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए 24 घंटो में लगभग 16 बार सूर्योदय तथा सूर्यास्त हो चुका होता है.

इतनी बार सूर्योदय तथा सूर्यास्त होने के कारण अंतरिक्ष यात्री कंफ्यूज ना हो जाये इसलिए अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर चलने वाली समय सारणी का ही उपयोग करते है. इसके लिए अंतरिक्ष यात्री s.m.p x33 omega नाम की wrist watch हमेशा पहने रहते है.

यह घड़ी पृथ्वी के समय के हिसाब से सुबह 6 बजे अंतरिक्ष यात्री को जगा देती है. उठने के साथ ही वह सबसे पहले अपने स्पेस स्टेशन की पूरी चेकिंग करते है, की यह कही किसी पिंड से टकराया तो नही है. इसमें गड़बड़ी मिलने पर अंतरिक्ष यात्री स्पेस सूट पहनकर ठीक करते है.

इसके बाद सुबह की शाररिक क्रियाकलाप के बाद नास्ता करते है, फिर पृथ्वी से संपर्क करके अपडेट करते है और इसके बाद आगे की प्लानिंग करते है.

अंतरिक्ष यात्री वहां exercise करने के बाद 1 बजे दोपहर lunch करते है, इसके बाद वे अपने प्रयोगों पर लग जाते है. शाम 7 बजे के आस-पास ही रात्रि भोजन लिया जाता है और zero gravity का आनंद लिया जाता है.

रात्रि 9:30 pm से 10:00 pm सभी सो जाते है. स्पेस में उन्हें पुरे 8 घंटे का नींद लेना जरुरी होता है.

अंतरिक्ष में यात्रियों की स्वाद संवेदन प्रणाली बहुत धीमी हो जाती है, जिसके कारण उन्हें ज्यादा नमक, ज्यादा चीनी तथा ज्यादा मसाले वाला भोजन चाहिए होता है. 

अंतरिक्ष यात्री के dinning table, खाने की थाली, चम्मच, कांटा, छूरी आदि, मैग्नेटिक होती है, ताकि गुरुत्वाकर्षण ना होने के वजह से वह तैरने ना लगे.

स्पेस स्टेशन की सबसे बड़ी प्रणाली होती है रिफाइनरी की. यहाँ अंतरिक्ष यात्रियों के पेशाब को भी रिफाइन करके पीने लायक बनाया जाता है. अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री पीने के अलावा, पानी का बहुत कम ही इस्तेमाल करते है, जैसे महीने में एक ही बार नहाना.

रूस "mission progress" के तहत मानव रहित यान से international space station में समय-समय पर जरुरी सामान पहुँचाता रहता है, लेकिन प्रति किलोग्राम के हिसाब से एक किलो सामान को पहुँचाने में 20,000$ खर्च आता है, इसलिए कोशिश की जाती है, की ज्यादा से ज्यादा चीजे recycle हो सके.

इस स्पेस स्टेशन का खर्च अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के देश उठाते है, और इसका सालाना खर्च 80 अरब $ से ज्यादा आता है.



ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल क्या है?


ब्लैक होल क्या है?

आज हम सब जब BLACK HOLE के बारे में सुनते है तो हमारे मन में बहुत से सवाल उठते है, जैसे BLACK HOLE क्या है? या आखिर क्यों ब्लैक होल को अंतरिक्ष के अनसुलझे रोचक तथ्य कहा जाता है. ये पृथ्वी से कितना दूर स्थित है?, क्या वास्तविक में BLACK HOLE अंतरिक्ष में मौजूद है?, आदि. तो चलिए इन सारे सवालो के जवाब जानते है.

अगर हम बात करे ब्लैक होल के निर्माण की तो, वैज्ञानिको का यह मानना है की वह सभी तारे जिनका MASS हमारे सूर्य से 20 गुना अधिक होता है, उनके टूटने पर ब्लैक होल का निर्माण होता है. ब्लैक होल एक ऐसा रहस्य है जिसमे भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम कार्य नही करता है.

ब्लैक होल के आस-पास का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है. ब्लैक होल अपने आस-पास से गुजरने वाले उल्कापिंड को आकर्षित करने की क्षमता रखता है.

वैज्ञानिको ने टेलिस्कोप तथा सैटेलाइट के जरिये ब्लैक होल की बहुत सी तस्वीरे ली है. पर ज्यादातर तस्वीरे धुल तथा धुल कण से घिरे हुए है, जिसके वजह से ब्लैक होल साफ-साफ दिखाई नही देता है. ब्लैक होल की दुरी पृथ्वी से लगभग पांच करोड़ पचास लाख प्रकाशवर्ष है.


“ब्लैक होल की पहली तस्वीर [इवेंट होरिजन टेलिस्कोप] से ली गई थी.”


ब्लैक होल पृथ्वी से लगभग तीस लाख गुना बड़ा है और galaxy में लगभग चार हज़ार करोड़ कि.मी. के क्षेत्र  में फैला हुआ है. ब्लैक होल हमारे आकाशगंगा से भी बड़ा है और ब्लैक होल का वजन करीब 650 करोड़ ज्यादा भारी है. ब्लैक होल की चमक काफी तेज़ है. वैज्ञानिको का यह भी मानना है की ब्लैक होल के अन्दर जाने वाले सभी वस्तु जल जाते है.

बहुत से वैज्ञानिको का यह भी मानना है की ब्लैक होल के जरिए Time Travel संभव है. जी हां आपने सही पढ़ा ऐसा अनुमान लगाया जाता है की ब्लैक होल के जरिये हम टाइम ट्रेवल कर सकते है यानि अपने Future और Past में जा सकते है. इसके अलावा ये दूसरी यूनिवर्स में जाने का भी एक जरिया बताया जा रहा है.



मंगल ग्रह के बारे में जानकारी
Mars


मंगल ग्रह के बारे में जानकारी

जैसा की हम सभी जानते है, की मंगल ग्रह को पृथ्वी का पड़ोसी ग्रह भी कहा जाता है. मंगल ग्रह को आप सभी red planet (लाल ग्रह) के नाम ने भी जानते होंगे. वैज्ञानिको ने मंगल ग्रह का नाम लाल ग्रह इसके रंग के आधार पे रखा है. मंगल ग्रह का रंग लाल इसमें मौजूद आयरन ऑक्साइड के कारण है.

अगर हम मंगल ग्रह के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करे तो, बहुत से वैज्ञानिको का यह भी मानना है की मंगल ग्रह पे भी हम इंसान जीवित रह सकते है. ऐसा इसीलिए माना जाता है क्यूंकि मंगल ग्रह का दिन का मान तथा इसके अक्ष का झुकाव पृथ्वी के बराबर माना जाता है.

मंगल ग्रह के दो उपग्रह है- पहला “फोबोस” और दूसरा “डीमोस”


मंगल ग्रह का भौगोलिक संरचना पृथ्वी के भौगोलिक संरचना से काफी मेल खाता है. यहाँ तक यह भी अनुमान लगाया जा चुका है की मंगल ग्रह पर बहुत वर्ष पहले जीवन मौजूद था. वहां का जीवन समाप्त होने का कारण वैज्ञानिको ने आपसी लड़ाई को माना है.

वैज्ञानिको का मानना है की वहां के रहने वाले लोगो ने आपसी लड़ाई में कुछ ऐसे एटम बम का उपयोग किया, जिनकी वजह से वहां का पूरा जीवन समाप्त हो गया. पर कुछ का यह भी मानना है की वहां पर आज भी जीवन है पर पहले की अपेक्षा बहुत कम जो सामने नही आना चाहते है.

अगर हम बात करे वेज्ञानिको का मंगल ग्रह पे अभी तक के खोज की तो, मंगल ग्रह पे वैज्ञानिको ने बहुत से रॉकेट्स, सॅटॅलाइट, रोबर्स को भेजकर वहां पे बहुत से हैरान कर देने वाले चीजो की खोज की है. जैसे वैज्ञानिको ने अब तक का सबसे विशाल ज्वालामुखी [ ओलिप्य्स मेसी ] मंगल ग्रह पे ही खोज निकाला है.

इसके अलावा उन्होंने सौरमंडल का सबसे ऊँचा पर्वत मंगल ग्रह पे ही खोज निकाला है, जिसका नाम [निक्स ओलम्पिया] है. वैज्ञानिको ने मंगल ग्रह पे सैटेलाइट के तस्वीरों के जरिये वहां पे सबसे बड़ा बवंडर जो की दूर से भी दिखाई दे जाता है उसकी मौजूदगी का पता लगाया है.

मंगल ग्रह वैज्ञानिको के लिए एक अनसुलझे रहस्य की तरह है, जिसे सुलझाने में बहुत से वैज्ञानिक पूरी कोशिश कर रहे है. आगे चलकर मंगल ग्रह के बारे में बहुत से रहस्य निकलकर आएंगे जो सभी के लिए चौकाने वाले साबित हो सकते है.



चाँद के बारे में जानकारी
Moon


चाँद के बारे में जानकारी 

दोस्तों, चाँद जिसे हम सभी बचपन में चंदा मामा के नाम से पुकारते थे, इसके बारे में लोगो को बचपन से बहुत कुछ जानने की इच्छा होती है. जैसे-जैसे हम बड़े होते गए हमारे अन्दर इसके बारे में जानने की जिज्ञासा और भी बढ़ गई. वैज्ञानिको के जरिये हम बहुत से चीजो को भली भांति जान चुके है, उन्ही चीजो के बारे में हम आज विस्तार से जानेंगे.

चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है. चन्द्रमा को आप पृथ्वी से भी आसानी से देख सकते है. जिस प्रकार पृथ्वी सूर्य की चारो ओर परिक्रमा करता है, ठीक उसी प्रकार चन्द्रमा भी पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जिसके वजह से दिन व रात होता है. चन्द्रमा को पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में 27 दिन और 8 घंटे का समय लगता है.

इसके अलावा अगर हम बात करे चंद्रमा की उत्पति की तो, बहुत से वैज्ञानिको का यह मानना है की करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी से एक उल्कापिंड के टक्कर होने पर, पृथ्वी का एक छोटा सा हिस्सा टूटकर चन्द्रमा बना था. 

इस सिधांत को तो बहुत से वैज्ञानिक मानते है पर इनके अलावा बहुत से ऐसे वैज्ञानिक भी है जो इस चीज को नही मानते है. पर बहुत से चीजो से ये सिद्धांत सच साबित होता दिखता है, जैसा की चन्द्रमा पर पृथ्वी के भौगोलिक अंश मिलना.

चन्द्रमा पहला ऐसा उपग्रह है जिसमे वैज्ञानिको ने अपनी रूचि दिखाई थी. बहुत से ग्रह से पहले वैज्ञानिको ने चन्द्रमा के अनसुलझे रहस्य को सुलझाने का कोशिश किया. 

इस काम में वैज्ञानिको को बहुत अच्छे परिणाम भी मिले है. वैज्ञानिको ने चन्द्रमा पर पानी, टाइटेनियम जैसे बहुत से चीजो को खोज निकाला है, और वैज्ञानिको का यह भी मानना है की भविष्य में सभी चन्द्रमा पर रह भी सकते है.

यानि की चाँद पर हम सब पृथ्वी की तरह ही जीवन बिता सकते है. इसके लिए वैज्ञानिको ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दिया है. आने वाले समय में हमे चंद्रमा के बारे में और भी बहुत सी चीजो के बारे में जानने को मिलेगा. जैसे-जैसे चन्द्रमा पर नई-नई चीजे मिलती रहेगी वैसे-वैसे लोगो के मन में चन्द्रमा से जुड़े सभी प्रश्न हल होते जायेंगे.


conclusion [निष्कर्ष]

दोस्तों हमें आशा है की आप सभी को हमारा यह आर्टिकल अंतरिक्ष के बारे में रोचक तथ्य पसंद आया होगा. 

हमारे इस आर्टिकल को आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और हमे comment करके हमारा उत्साह बढ़ाए रखे. धन्यवाद!


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